आनंदशाला के जतन से विद्यालय के बदलाव का सफ़र
- April 17, 2019
हम सभी जानते हैं कि सरकारी विद्यालयों में लड़का-लड़की हमेशा अलग-अलग बैठते हैं , अलग–अलग खेलते है साथ में गतिविधि कराना एक चुनौती रहती है। एक दिन एक विद्यालय में गया तो मेरी आँखे खुली की खुली रह गई, काफी मित्रतापूर्ण व्यवहार से पंचमी वर्ग की लड़की–लड़का मिलकर फुटबॉल खेल रहे थे । बच्चों को हम कैसी शिक्षा एवं वातावरण देते है इस पर काफी कुछ निर्भर करता है। चुनौतियों को हल करने के लिए उसके कैरेक्टर को महसूस करते हुए चुनौतियों की तह तक जाना और कैरेक्टर की बातों को महत्त्व देते हुए अपनी बातों को रखने पर व्यक्ति को समझाना सरल हो जाता है ।
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